LEH LADAKH BIKE TRIP 2014

लेह यात्रा संस्मरण 2014

leh ladakh
यूट्यूब youtube videos में कुछ नया देख़ने के शौक ने एक दिन किसी वीडियो को देखते - देखते कुछ वीडियो लेह के लिस्ट में देखे जिसमे कुछ लोग बाइक पर  सवार थे जो काफी इंट्रेस्टिंग दिखाई  पड़े , जिग्यसा से  उस वीडियो पे क्लिक किया , उस वीडियो में बाइक सवार लोगो और जगह की खुबसुरती से इतना प्रभावित हुआ की एक के बाद एक कई वीडियोस देख लिया

 लेह लद्दाक leh ladakh की सुंदरता से काफी प्रभावित हुआ और बाइक से जाने के विचार ने मुझे काफी रोमांचित कर दिया , किन्तु एक समस्या थी  मेरे पास बुलेट नहीं थी और मैंने कभी जिंदगी में बुलेट नहीं चलाई थी ,दूसरी समस्या की मैंने कभी तीस किलोमीटर से जायदा बाइक भी नहीं चलाई थी, मैं कैसे इतनी बाइकिंग कर पाउँगा यही सोच विचार करते समय बीतने लगा , दिल में इच्छा तो बहुत थी की कब  मैं भी इन बाइकर की तरह इस राइड पे जाऊ

सेपटंबर २०१३ का समय था उम्र ४० की हो चली थी पर अचानक से यह लेह राइड का विचार मन में आने से अंदर नया करने का विचार परेशान कर रहा था , मुझे बस इस जगह जाना है यही विचार परेशां कर रहा था , पर जगह के बारे में पूरा ज्ञान न होना ,कैसे ,कब किसके साथ जाऊंगा समझ नहीं आ रहा था , दोपहर का मै अपने ऑफिस में पार्टनर्स के बाते चल रही थी गर्मिओ में परिवार के साथ छुटिओ में कही घूमने जाने की , मन में था की पार्टनर्स को बोलू  हम बाइकिंग करने लेह चलते हैं , काफी विचार करने क बाद आखिर पार्टनर्स को अपने विचार क बारे में बतया , पहले तो वो सभी मेरा मज़ाक उड़ाने  लगे की इस उम्र में इतनी बाइकिंग नहीं कर पायेगा और अच्छी बाइक भी नहीं है इतने लम्बे और कठिन राइड  के लिए ,काफी देर बातचीत और वीडियोस देखने क बाद  मेरे एक पार्टनर ने अचानक कहा। .... चल मैं चलता हु तेरे साथ वो अरुण सींग भुवाल था जिसने पहली बार मुझे उम्मीद जगाई की हाँ शायद अब मैं अपना यह सपना अब पूरा कर सकता हु। ..

दूसरे ही दिन से हमने इस बाइक राइड पे जाने की तैयारी चालू कर दी।  सबसे बड़ा  सवाल था की हम दोनों क पास ही कोई बाइक नहीं थी। हमने पता किया तो मालूम पड़ा की दिल्ली और मनाली से बाइक रेंट पर भी मिल जाती हैं , हमने कुछ लोगो का नंबर निकाल कर उनसे बात भी की। हमारी सबसे बड़ी प्रॉब्लम बाइक की दूर होने क बाद अब विचार आया की हम एक ही बाइक में जायेगे या दोनों अलग -अलग बाइक पर , जैसा की उस इलाके का हमें कुछ भी ज्ञान नहीं था की कितना कठिन होगा , कहा रुकेंगे , और बहुत सी बाते दिमाग में घूम रही थी। फिर हमने गूगल बाबा और कुछ लोगो से जो पहले गए हैं उनसे बात कर निन्मलिखित बाते पता की..
१) हमें  हमारे शहर से दिल्ली Delhi की ट्रैन की या फ्लाइट  टिकट करनी हैं। .

२) दिल्ली से मनाली के लिए व्लोवो बस ( जो की शाम को दिल्ली से निकल कर सुबह मनाली पहुँचती है)
 
३) मनाली Manali पहुंच कर बाइक रेंटल का पता कर के रेंट पे लेनी है। .

यह तीन  बातो के अलावा हमें आगे मनाली से कैसे लेह पहुंचना है कहा रुकना है यह अभी भी संसय था , पर  उपर लिखी तीन बातो पे अमल कर के हम निकल पड़े अपने सफर पर।  इस बीच बातो ही बातो में अरुण के एक कॉलेज के दोस्त ने जो मुंबई में रहता था हमारे साथ राइड पे चलने की इच्छा बताई और अच्छी बात यह थी की उसका बड़ा भाई पहले वहा  जा चूका था और उसने अभी नई बुलेट भी ली थी तो उसे थोड़ा आईडिया तो था इस राइड का किन्तु वह भी पहली बार ही जा रहा था , पर कहते है न दो से भले तीन। थोड़ी हिम्मत बंधी चलो उसे थोड़ा तो हमसे जायदा पता ही होगा।

१६ जून २०१४ आखिर वह दिन आ ही गया जब हमने सभी तैयारी ( जो काफी नहीं थी )  के साथ दोपहर १२. बजे की ट्रैन से दिल्ली क लिए निकल पड़े , सुबह ९बजे हम दिल्ली में थे , हमने शाम की ६.३० की बस का मनाली के लिए सीट बुक करा ली थी। . दिल्ली उतर कर हमने कुछ सामान जैसे ग्लव्स और कैमरा के मेमोरी कार्ड वगेहराः ख़रीदे और शाम तक दिल्ली की विभीन जगहों पैर घूमते हुए अपने नियत बस के पते पर पहुंच कर निकल पड़े मनाली की ओर। ..

इस बीच अरुण का वह दोस्त इमरान मोडेक अपनी बाइक से चंडीगढ़ से निकल का मनाली पहुंच चूका था याने हमसे एक रात पहले १७  जून की रात। उसने हमें बताया की वह मनाली पहुंच कर गेस्ट हाउस में रुका है और उसने हमें उसका पता भी भेजा। सुबह ९. ३० बजे  हम मनाली बस स्टैंड पहुंचे , वहां  से टेक्सी कर हम गेस्ट हाउस पहुंचे।  वहां पहुंच कर देखा तो नज़ारा ही कुछ और था , हुआ  यह की इमरान को चंडीगढ़ से मनाली आते पूना के चार बाइकर और  पूना  वालो के साथ मंडी से जुड़े दो बाइकर जो पोलेंड से वर्ल्ड टूर पर निकले थे , भी साथ हो लिए ।
इस तरह अब हमारा ग्रुप चार पूना, एक मुम्बई,दो छतीसगढ़, और दो पोलैंड के राईडर्स के साथ नौ लोगो का हो गया।।

दोपहर को आराम करने के बाद हम सब मनाली मार्किट घूमने निकले, और कुछ जरूरी सामान जैसे बंजी रोप, पेट्रोल केन,रेन कोट, bandana, गम बूट आदि सामान लिया और मनाली की गलियों में थोड़ी तफरीह कर वापस होटल आ गए।
19/06/2014 ( पहला दिन )
मनाली manali / रोहतांग/केयलोंग/जिस्पा ( 138km)
सभी सुबह पांच बजे उठ गए ,उजाला जल्दी हो गया था और बाहर ठंड भी अच्छी थी ,सभी लोग अपनी अपनी तैयारी में लग गए , हमने भी अपनी बाइक में अपना सामान बंजी रोप से बुलेट के कररीर पर उसे एक रेन कवर से ढक कर बांध दिया ताकि समान पानी और धूल से बच सके ।।Rohtang Pass पार करने के लिए जल्दी निकलना ठीक होता है वरना यात्रिओ की गाड़ियों की भीड़ से रास्ता जाम हो जाते है , दूसरा अगर आप बाइक से हैं तो बर्फ पिघलने से बने नालो को पार करने में दिक्कत होती है अतः मनाली से भोर सुबह निकलने का प्रयास करना चाहिए।

ROHTANG
हमने ब्रेड ऑमलेट के नाश्ते और बढ़िया काफी  के बाद सुबह 6:30 को अपनी राइड चालू करी , थोड़े डर , थोड़े उत्साह, और कुछ मिली जुली भावनाओ के साथ सफर चालू हुआ। पहला पड़ाव रोहतांग टॉप था जो मनाली से 51km की दूरी पर था  13,050 ft की ऊँचाई और भरपूर बर्फ से जमे पहाड़
https://en.wikipedia.org/wiki/Rohtang_Pass
ROHTANG
 , डर तो इन नज़ारो को देख कर ही गायब हो गया, ठंडी तेज हवाएं और चारो ओर सफेदी की चादर। रोहतांग टॉप से आगे निकलते ही बर्फ के पिघलने से बने एक नाले ने सब के होश उड़ा दिया , मैंने तो बाइक को ले दे कर निकाला और एक बार तो संतुलन भी बिगड़ा और गिरने से बचा , नाला पर कर हमने 15 से 20 मिनिट आराम किया । पर उसके बाद जो नज़ारा था वो जन्नत जैसा, रोड के साथ साथ 15 से 20 ft जमी बर्फ और जीरो ट्रैफिक hum सब की बाइक्स हवा में उड़ रही थी।।

रोहतांग rohtang  पास से उतरते समय काफी खराब रास्ता था और बर्फ के पिघलने से पूरे ढलान पर कीचड़ और छोटे
NALA
 छोटे नाले थे बाइक चलना काफी मुश्किल था।। ग्राम्फू गांव पार करते ही जब्बार पॉइंट से  बायें हाथ पर मनाली लेह हाईवे जाता है और दायें जाने पर स्पिति वैली ( काफी खूबसूरत वैली है सुना है), अब हम लेह हाईवे पर थे।मनाली लेह हाईवे पर एक बात ध्यान रखने वाली है की इस रास्ते पर आप दस लीटर पेट्रोल एक्स्ट्रा ले कर चले क्युकी सिर्फ तांडी में ही एकमात्र पेट्रोल पंप हैं , और कभी कभी सप्लाई टाइम से न होने पर  पेट्रोल नहीं भी मिलता , अगर आपने एक्स्ट्रा पेट्रोल लिया भी है तो भी तांडी  में टैंक फुल करना न भूले। राइड करते , रास्ते का मज़ा लेते , पिक्चर और वीडियो लेते हम शाम सात बजे जिस्पा पहुच गए , भाग नदी के किनारे बढ़िया होटल मिल गया, वहा टेंट्स भी थे जिसमें सभी सुविधा थी।।
 20/06/2014 (दूसरा दिन)
जिस्पा/दारचा /जिंगजिंगबार /बारालाचा ला /सरचू /पांग / तांगलांग ला / उपसी / रुम्त्से  (259km)
जिंदगी की ये मेरी मर्ज़ी की पहली सुबह थी जो मैंने सोचा था वो करने निकलने के बाद और पहले दिन की बढ़िया राइड के बाद जब मन से डर निकल गया और आगे के रोमांचक सफर के लिए पांच बजे उठ गए ,नहाने की सम्भवना तो थी नही ठंड के कारण अतः नित्य कर्म से निपट कर बढ़िया कॉफ़ी होटल के बरामदे में बैठ कर

नज़रो का मज़ा लेते हुए हमने अपनी बाइक्स को रेडी किया, और छह बजे बाइक्स निकल पड़ी हमारी, 259 km का कठिन और मजेदार  सफर कर शाम सात बजे हम रुम्त्से पहुंचे जो लेह से  मात्र 80 km है , अँधेरा होने क कारन हम वही रुक गए
21/06/2014
रुम्त्से /लेह Leh (76 km )
इस दिन हम आराम से सो कर उठे क्युकी कल की लम्बी राइड से सभी थके हुए थे और आज हमे लेह तक का थोड़ा सा ही सफर करना बाकि था। हम सुबह दस बजे निकले और  रास्तें  का आराम से  मज़ा लेते हुए दोपहर को लेह पहुंचे।

आखिर में दोस्तों यही कहूंगा की लिखने को बहुत कुछ है और इस सफर क बारे में कोई कितना भी लिख ले शायद कम ही होगा। मैंने इस राइड से यही सीखा की कोई भी चीज़ करना दुनिया में मुश्किल नहीं है बस आपको दिमागी रूप से तैयार होना पड़ता है , यह मेरी जिंदगी का सबसे यादगार सफर रहा, हालाकि इस ब्लॉग में मैंने पूरा सफर नहीं लिखा है पर अपने अगले ब्लॉग में इसे जरूर इस से आगे पूरा करूँगा।

आखिर में दिल से धन्यवाद मेरे सभी साथी बाइकर्स का जिन्होने मेरे सपने को पूरा करने में मेरी मदद करि अरुण, आकाश, इमरान,आनंद,नितेश,अलेक्स ,szymon ,एरिक

धन्यवाद।   . 






kanha national park trip














KANHA TRIP


kanha kisli trip

7 June 2018 me with my some friends headed towards kanha national park, Kanha National Park, also known as Kanha Tiger Reserve, is a vast expanse of grassland and forest in the central Indian state of Madhya Pradesh. Tigers, jackals and wild pigs can be spotted in Kanha Meadows. The elevated plateau of Bamhnidadar is home to birds of prey. Animals often gather at the watering holes of Sondar Tank and Babathenga Tank. The park’s flora and fauna are documented in the park’s Kanha Museum.
Spread across 940 sq.km, Kanha National Park is one of the largest parks in Madhya Pradesh where the majestic royal Bengal tigers are found in good numbers.
The Park is respected globally for saving the Barasingha from near extinction. No doubt, it is one of the best managed parks in Asia and a part of Project Tiger. National Geographic’s award winning ‘Land of the Tigers’ was shot here, but the park is home to leopards, wild dogs and Barasingha as well.
A safari in Kanha will surely get you thrilled, the way you were on your first trip to the zoo, as a child.

How to Reach Kanha

Kanha National Park is situated at Mandla & Balaghat Districts of Madhya Pradesh State in Central India. Kanha National Park has excellent Air, Road & train connections from most parts of India. There are two key locations of Kanha National park, Khatia & Mukki Entrance gate. Khatia entrance gate falls on Mandla district & Mukki on Balaghat district of M. P. State. From Khatia Entrance gate one can explore Kisli, Kanha & Sarhi zones of Kanha national park & Mukki entrance gate covers Mukki range of the national park. Khatia Entrance gate is well connected from Jabalpur & Nagpur & Mukki entrance gate is from Jabalpur, Raipur & Nagpur.
By Road:
Kanha National Park is well connected from the major destinations of Madhya Pradesh, Maharashtra & Chhattisgarh. Distance of Kanha National Park from some nearby destinations & approximate driving time is:
Destination Distance from Kanha National Park
Nagpur 300 Kms / 06 to 07 Hrs Drive
Jabalpur 160 Kms / 04 Hrs Drive
Raipur 250 Kms / 05 Hrs Drive
Bilaspur 250 Kms / 05 Hrs Drive
Bhilai 270 Kms / 05 to 06 Hrs Drive
Bandhavgarh National Park 250 Kms / 04 Hrs Drive
Pench National Park 200 Kms / 04 Hrs Drive
By Train:
The Nearest Railway Stations for accessing Kanha National Park is Gondia & Jabalpur. Gondia railway station is 145kms / 03:00 hrs drive from Kanha (Khatia Entrance Gate). Jabalpur railway station is 160kms / 04:00 hrs drive from Kanha (Mukki Entrance Gate)
By Air:
The Nearest Airport for Kanha National Park are Jabalpur 160 Kms, Raipur 250 Kms & Nagpur 300 K

Best Time to Visit Kanha National Park

Every year Kanha National Park is open for visitors from the 15th of October to till 30th of June. As per the climate of Central part of India, the peak season for Kanha National Park is during winters, say October to March. Most of the tourists visit the park between November and March, mainly because the summer’s heat is unbearable. The period between November and February is excellent for visiting Kanha national park as the rain fall during monsoon rejuvenated all the nature & vegetation. Particularly this period is best for bird watching. A lot of migratory birds visit the park during the winter months. During the time period from March to May most of the vegetation at Kanha National Park gets dried & Tiger Sighting is relatively easier than it is in winters. The month of March is the best month for wildlife viewing and the temperature is not very high however Months of April & May provide a great & almost sure opportunity to Wildlife Photographers specially who are looking for some rare photographs of the largest member of cat family.

Hotels & Resorts in Kanha National Park

Kanha National Park has captivated many wildlife and nature lovers with its alluring features, out of which the Kanha hotels and resorts bring much fascination for this place. We at Kanha reserve offer most astounding and relaxing accommodations for you to make your trip more successful. There is no question of most expensive or the cheapest residing options here when you are at one of the Kanha hotels since we believe in the most comfy and satisfied stay amidst the natural vicinity. The hotels and resorts in Kanha Reserve are categorized into High End, luxurious, deluxe & standard and you have the best possible options to pick the perfect one for you to get the most relaxed stay. We truly focus on the quality residing when you have made the best option for yourself.
we stayed at the best natural resort

Royal Bamhni Holiday Resort & Clubs

Mukki Gate, Bamhni Fata Chowk, Kanha National Park 481111, India

high end resorts in kanha


 

 

                       

deluxe resort in kanha

Luxury Resorts

Deluxe Resorts

standard resort in kanha

Standard Resorts

Jeep Safari At Kanha

http://kanhakislionline.com/Safari_Online_Booking.htm
kanha jeep safari

 

04 WD Open Jeep safaris are the best way to observe wildlife at the thick & lush green forest of Kanha National Park. 04 X 04 Open Jeeps with groups of tourists, individuals accompanied by an experienced naturalist are allowed into the park at fixed timings during early morning and afternoon. The jeep has to follow a fixed route and leave the park by the end of the appointed time. Many popular wildlife experts and wildlife photographers have observed and photographed the largest cat family member of Kanha National Park by doing jeep safaris. Since the jeeps follow fixed routes, the animals are not unduly disturbed.jeep takes maximum of six person and also there is open bus to accomadte if the group size is more then six.

Safari Timing in Kanha National Park

Safari Timings:

Kanha National Park remain open for visitors from 16th October to 30th June. The safari timings are:
Timings Morning Safari Afternoon Safari
16th October to 15th February Sunrise to 11:00 AM 02:00 PM to Sunset
16th February to 15th April Sunrise to 11:00 AM 03 PM to Sunset
16th April to 30th June Sunrise to 10:00 AM 03:30 PM to Sunset
Note:
  • At Kanha afternoon shift of Jeep Safari remain close for visitors on Every Wednesday.
  • Morning & Afternoon both the shift remain close on Holi festival (In the month of March)
There are some necessary details which required for safari reservation:
  • Full Name of every visitor
  • Age & Gender
  • Nationality
  • Any Identity proof details like Passport, Driving License, PAN Card or Voter
  • I D Card. Visitor is required to carry the same ID proof in original at the time of visiting the national park.

cunclusion-;

if you are a nature lover and love animals please follow the rules as mentioned below

Dos and Don’ts

  • Drive slowly in the Park so that you can see observes and enjoy without disturbing the wildlife.
  • Keep in the specified roads and trails driving off trails you may trample growing trees and cause disturbance to resting animals and their young.
  • Respect the wild animals and maintain a safe distance from them remember you are in their home and they get the first priority.
  • Keep seated in your vehicle at any points in the park it is dangerous to get down. This for your own safety and the safety of wildlife.
  • Do not disappoint if you don’t see a tiger. There are many other interesting creatures that are to be seen and cherished.
  • The Park is not zoo: so don’t expect to see wildlife everywhere. Kanha National Park is breathtaking even in its scenery.
  • Keep the park pollution free. While inside the park please put your non-biodegradable litter (thin cans, plastic, glass bottle, metal foils etc.) into the bag provided and dispose of it on your way out.
  • Please obtain services of Nature Guides that the park has trained for your benefit. They are great help to you in sporting wildlife and ensuring that you not to lose your way in forest.
  • Do not smoke or light campfires in the forest. Accidental fires can destroy this wonderful jungle in no time.
THANKS,

LEH LADAKH BIKE TRIP 2014

लेह यात्रा संस्मरण 2014 leh ladakh यूट्यूब youtube videos में कुछ नया देख़ने के शौक ने एक दिन किसी वीडियो को देखते - देखते कुछ वीडियो ...